कमिश्नरेट पुलिस जालंधर ने किया इलैक्शन कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन! अकाली प्रत्याशी के समर्थक से पिटे एसएसपी के गनमैन को राजनीतिक दवाब में राजीनामा करवा लौटाया
------राजनीतिक प्रभाव में एसएचओ ने नहीं ली गनमैन की कंपलेट,------------------------------कैंट से अकाली प्रत्याशी सर्बजीत सिंह मक्कड़ ने बनाए रखा दवाब--------------------
जालंधर. पंजाब में मतदान प्रक्रिया के बाद भी लागू चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का एक ताजा मामला जालंधर शहर से सामने आया है। कमिश्नरेट पुलिस के थाना नई बारादरी में शिरोमणि अकाली दल (बादल) के समर्थक से पिटने के बाद शिकायत देने पहुंचे पुलिस कर्मचारी की थाना एसएचओ ने एफआईआर तो दूर शिकायत तक दर्ज नहीं की गई। पीड़ित पुलिस कर्मचारी जालंधर के एसएसपी विजिलैंस का गनमैन उपकार सिंह जिसको इंसाफ के मंदिर यानि न्यू कोटर््स के पास जनता की मौजूदगी में बुरी तरह पीटा गया। पुलिस ने मौके से मारपीट के आरोपी शिअद समर्थक सौदागर सिंह को हिरासत में भी लिया लेकिन जालंधर कैंट से शिअद प्रत्याशी सर्बजीत सिंह मक्कड़ के दवाब में राजीनामा करवाकर छोड़ दिया गया। खास बात यह रही कि घटना के बाद थाना पुलिस शिअद प्रत्याशी सर्बजीत सिंह मक्कड़ के प्रभाव में दिखी। मक्कड़ अपने समर्थक को बचाने खुद थाना नई बारादरी में आ धमके जिसके बाद एसएचओ ने न तो पीड़ित का मैडीकल करवाया और न ही आरोपी को हवालात में डाला। चुनाव में ऐसा पहली बार देखने को मिला कि किसी पुलिस कर्मचारी के पिटने पर पुलिस ही मामले को राजनीतिक दवाब में बचाती रही। थाना में कई घंटों के बाद जब किसी ने भी पीड़ित गनमैन की सुनवाई नहीं की तो उसने थाना में मौजूद शिअद प्रत्याशी सर्बजीत सिंह मक्कड़ के कहने पर राजीनामा कर लिया। हालांकि उसने माना कि वह थाना में शिकायत देने आया था लेकिन कार्रवाई न होती देख उसने मजबूरीवश राजीनामा किया। पुलिस वाला होने के बावजूद पुलिस में सुनवाई न होने का दर्द उसके चेहरे से साफ झलक रहा था। दरअसल मामला यह हुआ कि न्यू कोर्ट्स चौक के पास विजिलैंस ब्यूरो में तैनात गनमैन उपकार सिंह किसी काम के सिलसिले में आए हुए थे। उसके ठीक सामने होटल एम-1 भी है जिसको मक्कड़ का होटल भी कहा जाता है। इतने में वहां शिअद उम्मीदवार सर्बजीत सिंह मक्कड़ का समर्थक सौदागर सिंह भी आया है और गनमैन की कार के सामने कार लगाकर चला गया। गनमैन उपकार सिंह का कहना है कि जब उसने उक्त नेता को कार हटाने का आग्रह किया तो वह उससे गाली-गलौज और बाद में तैश में आकर मारपीट पर उतारू हो गया। सूचना मिलने पर पहुंची थाना नई बारादरी पुलिस ने मारपीट के आरोपी सौदागर को डिटेन कर लिया और थाना ले आए। सूचना मिलते ही शिअद कैंट प्रत्याशी सर्बजीत सिंह मक्कड़ भी थाना पहुंचे और पुलिस कार्रवाई को पूरी तरह अपने प्रभाव में ले लिया। पीड़ित गनमैन उपकार सिंह लगातार कार्रवाई की मांग करता रहा था लेकिन थाना में मौजूद एसएचओ बिट्टन कुमार ने उसकी मांग को अनसुना कर मक्कड़ की बात मानने तक कार्रवाई को टाले रखा। अत: सड़क पर जनता के सामने अकाली नेता के हाथों बुरी तरह पिटा मजबूर और लाचार गनमैन राजीनामा के लिए तैयार हो गया। उधर, मक्कड़ का कहना है कि उन्होंने पीड़ित से खुद माफी मांगी जिस पर वो मान गया। हालांकि घटना के बाद शिकायत पर कार्रवाई में विलंब होने के सवाल पर डñूटी ऑफिसर सिंकदर कोई जवाब न दे पाए। उन्होंने कहा कि पीड़ित खुद अपनी मर्जी से राजीनामा करके गया लेकिन थाने में दोनों के आने की एंट्री के सवाल का कोई जवाब नहीं दे पाए। बहरहाल इस घटना के बाद साफ हो गया है कि विधानसभा चुनाव में बेशक चुनाव आचार संहिता लागू है लेकिन पुलिस पर प्रभाव अभी भी अकाली दल का कायम है। वहीं, निष्पक्षता के दावों वाले इलैक्शन कमिशन की साख पर भी यह बहुत बड़ा सवालिया निशान है जिसकी उच्चस्तरीय जांच होने पर सरकारी सिस्टम पर राजनीतिक दवाब कायम होने के कई सारे सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं।